Gayatri Mantra Uccharan Stopped by some turban bearers and police

आज बठिंडा के दादी पोती पार्क में कुछ मोने लोग वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे पर एक छोटा स प्रोग्राम रखे हुए थे, जिसमें वो गायत्री मंत्र, हवन और वातावरण शुद्धि का रीलैशन बता कर अपने बच्चों के साथ मीटिंग कर रहे थे।

लेकिन कुछ पगड़ी धारी बंदों को इससे ऐतराज हो गया और बठिंडा पुलिस ने उनका पक्ष लेते हुए वो प्रोग्राम बीच में ही बंद करवा दिया।

यह खबर मैंने व्हाट्सप्प पर नहीं सुनी है, बल्कि मेरे खास दोस्त, ऐड्वकेट गणेश दत शर्मा जी ने खुद बताई है, जो की उस कार्यकर्म का हिस्सा थे। ठीक है। पुलिस ने शायद कानून का पालन किया होगा।

मेरा सवाल यह है की मेरे पड़ोस में एक गुरुद्वारा रोज़ दिन में दो बार बहुत ऊंची ऊंची नॉइज़ पलूशन करता है। जिससे की ध्वनि पलूशन हो रहा है। और सुप्रीम कोर्ट ने यह व्यवस्था पहले ही दे रखी है की कोई भी धार्मिक इन्स्टिच्यूशन लाउड स्पीकर लगा कर अपने आसपास के लोगों को परेशान नहीं करेगा। तो क्या बठिंडा पुलिस उन पर एक्शन लेकर उनको बंद करवाएगा?

यह मैं, बॉबी जोफ़न, 94 7878 4000 पूछ रहा हूँ।

मेरी उन बुद्धिजीवियों, चाहे वो मोने हों, चाहे पगड़ीधारी, जो हिन्दू सिख में फरक नहीं समझते, माफी है। लेकिन क्या करें, जब प्रशासन एक ही समुदाय की तरफ झुकाव करे, तो अपने समुदाय की तरफदारी जरूरी हो जाती है।
या तो पंजाब गवर्नमेंट सभी कानूनों को सभी के लिए बराबर तोर पर पालन करवाए। केवल मोने लोगों को ही क्यूँ दबाया जा रहा है?

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Very bad :-1::-1::-1:

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दूसरी तरफ़ भारत की चुनी हुई सरकार से आजादी माँगी जा रही है। कोई इसका मतलब समझा दे:

और कल जो ‘आज़ादी’ जलूस निकाला गया है, उसके संभनध में, इस बात का कोई जबाब दे सके तो बड़ी मेहरबानी होगी। मेरा जलूस में शामिल उन पगड़ी धारी व्यक्तियों से यह सवाल है: