kisi bhi funsi (baal tod ki bhi) ko su-meg ya koddi se theek karen

बाल तोड़ को सु-मेग मलहम लगाने से इस फुंसी का मुहँ शीघ्र बन जाता है।

इसके इलावा सोजिश वाली फुंसियों आदि पर खजूर की गिटक (जिसको की आप पहले किसी पत्थर, या लकड़ी, पर थोड़ा घिस लें) को घिसने से भी वो पक जाती है, या खुल जाती है।

कोडी, जिसको हमारी मदर दिवाली पर घिस कर कुछ करती होती थी, या कोडी जैसे पत्थर:

इसके इलावा हम छोटे होते थे तो हमारी आँख में/आँख की पलक पर निकलने वाली फुंसी/गवाहरणी (गवारणी/गव्हरनी/गुहेरी) पर हमारी नानी एक पत्थर सा लगाती होती थी जिससे की वो पक कर खत्म हो जाती थी। वो पत्थर (छोटे से पतासे या कोडी, जिसको दिवाली पर घिसते होते थे, की तरह था वो, सफेद रंग में ही) मुझे 100% तो याद नहीं, लेकिन जितना याद है तो शायद यही चीज थी: