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देखिए किस हुस्न से पोशीदा ग़म का राज़ है
तीर मेरे दिल में है, पर्दे में तीर-अंदाज़ है -
कुछ देर की खामोशी है, फिर शोर आएगा।
तुम्हारा सिर्फ वक़्त आया है, हमारा दोर आएगा। -
लगाकर आग शहर को, यह बादशाह ने कहा,
उठा है आज दिल में, तमाशे का शोक बहुत।
झुका कर सर, सभी शाह परस्त बोल उठे,
हजूर का शोक सलामत रहे, शहर और बहुत हैं।
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#दोहे