Rajni ifo courts: बठिंडा पुलिस केवल नारों में ही पब्लिक के साथ है।

रजनी जी की लाइव व्यथा सुन लीजिए। आज 20 मई, 2020 की इन्सिडन्ट।

बठिंडा पुलिस कितनी क मददगार है बठिंडा वासियों की, देख लिजीए खुद ही।

बाद में मेरी उसी इलाके के mc के साथ बात हुई।

कैसे वो अपनी जिम्मेदारी से भाग गया। इस पोस्ट में दिए दोनों लिंक पर दोनों काल्स की औडियो में सुन सकते हैं आप।

मेरी अरेस्ट से कुछ दिन पहले रजनी बठिंडा हेल्पर व्हाट्सप्प ग्रुप से एक्सईट हो गई थी।
मुझे इसका बुरा लगा। क्यूंकी मैं हरएक मेम्बर से यह उम्मीद करता हूँ। उनको ग्रुप में ऐड करते वक़्त कहता भी हूँ की ऐड मेरे थ्रु हुए हैं तो एक्सईट भी मेरे थ्रु ही होना।

खैर। उसके बाद जो रजनी वीक में सेकड़ों बार thank यू बोलती थी। उसका कोई msg या काल नहीं आई।

कुछ गुस्से और कुछ जिज्ञासा कारण मैंने आज उसको काल की। तो उसने कहा की सर बहुत परेशानी हुई पड़ी है।

उसने मुझे बताया की बठिंडा पुलिस ने खुद उन दोनों पार्टीस में बीच में डल कर उनको 35 लाख दिलवाने का समझोंता करवा दिया। और उनको 7 लाख का पेशगी चेक भी दे दिया। और यह कह कर पुलिस ने चाबी ले ली की जब चेक कैश हो गया तो वो चाबी आप्ज़ट पार्टी को दे दी जाएगी।

लेकिन नेक्स्ट डे, जब वो बैंक गए तो उनको पता चला की आप्ज़ट पार्टी चेक की पेमेंट स्टॉप करवा चुकी है। लेकिन इसके बाबजऊद, चाबी फिर भी उनको (आप्ज़ट पार्टी को) मिल गई। इन्होंने बठिंडा पुलिस को फोन करके सारी बात बताई, लेकिन उन्होंने कुछ भी नहीं किया। वो कहते की हम क्या कर सकते हैं, पैसे तो जिसने देने हैं, वो ही देगा। और शॉप पर अब आप्ज़ट पार्टी का पूरा कब्जा हो गया है।

यानी पज़िशन वहीं की वहीं आ गई। सच में न्याय मिलना बहुत ही मुश्किल है।

नोट: यह सब रजनी ने मुझे बताया।

लेकिन फिर भी, क्या रजनी अपना व्हाट्सप्प डिलीट करने के बाद भी मेरे से 25 दिन में भी संपर्क नहीं कर सकती थी? मुझे बता नहीं सकती थी? चाहे कितनी ही फिक्रमंद न हो वो। लेकिन अपने रोज मर्रा के काम तो निपटाती ही होगी। ऐसी बातें मेरी समझ से परे हो जातीं हैं।