हालांकि दूसरे लोगों की तरह मैं भी खुद को थोड़ा बहुत कानून का ज्ञाता मानता हूँ।
लेकिन जब सामने एक advocate हों, तो फिर सोचना पड़ जाता है।
मेरे एक advocate दोस्त कहते हैं की अगर कोई बंदा सड़क पर दंगा कर रहा हो, आम लोगों या वीआईपी, या पुलिस के सामने हथियार लहरा रहा हो सरे आम, तो भी पुलिस उसको अरैस्ट नहीं कर सकती जब तक की पहले पुलिस स्टेशन के अंदर अपनी कागज़ी कारवाई नहीं कर लेती, चाहे उसमें 5 मिनट लगें, चाहे 50
मैं अपने दोस्त की इस बात से बिलकुल भी सहमत नहीं।
मान लो की वो हथियार लहराता लहराता किसी को जख्मी कर दे फिर? कौन जिम्मेदार होगा?
मैं तो कहता हूँ की बिना हथियार के भी अगर कोई दंगा कर रहा है, और पुलिस का कांस्टेबल वहाँ से गुज़र रहा है, तो कांस्टेबल को हक़ है की अगर वो बंदा ठंडा या शांत नहीं होता, तो वो उसको जबर्दस्ती अरैस्ट करके पुलिस स्टेशन ले जा सकता है, और वहाँ पर कागजी कारवाई करके मैजिस्ट्रेट के सामने पेश कर सकता है।
लेकिन मेरे advocate दोस्त नहीं मान रहे। वो कहते हैं की कागजी कारवाई के बिना अरैस्ट नहीं हो सकती, चाहे वो बंदा हथियार हिलाता हिलाता किसी को जख्मी क्यूँ न कर दे।
आपकी राय जानना चाहता हूँ।