पुलिस वाले जिस मर्जी को पीट सकते हैं। खास तोर पर रात के टाइम

बठिंडा में मेरे एक दोस्त का ड्राइवर, जिसके पास छोटा हाथी गाड़ी है, उसका अपना बिजनस है जिसमें उसकी गाड़ी अक्सर इधर उधर जाती है।

कल 29 अगस्त की सुबह 12-1 बजे, ड्राइवर को हनुमानगढ़ संगरिया के बीच में कहीं dto ऑफिस के मुलाजिमों ने पकड़ लिया (शायद dto भी उनके आसपास ही था)। और उसको कहते की चालान की जरूरत नहीं, बस चालान के 500 रूपीस वो उनको दे दे।

लेकिन रात का टाइम होने के कारण वो चाहते थे की ड्राइवर गाड़ी उनके पास छोड़ जाए और वो सारी कारवाई सुबह कर लें। लेकिन ड्राइवर थोड़ी जिद्द करने लगा की गाड़ी में से उसका पर्स निकाल लेने दें और वो गाड़ी के पास ही सोएगा।

इस चक्कर में पुलिस वाले बहाने से उसको पुलिस चौकी ले गए और वहाँ नशे में उसकी खूब ठुकाई कर दी।

जब कल सुबह ड्राइवर ने बठिंडा में अपने मालिक को सारी बात बताई तो क्यूंकी मालिक अपने ग्रुप का मेम्बर है, उसने मेरे से की और मैंने संगरिया में अपने एक साथी सोशल वर्कर, श्री विनोद कुमार जी, से बात की।

और विनोद जी ने कमाल ही कर दिया। जो जो बंदा इसमें इनवॉल्व था, उसने सभी ने माफी मांगी।
लेकिन विनोद जी इस बात पर अड़े रहे की इनके विरुद्ध केस दर्ज हो।

और शाम तक आखिर गलती करने वाले मुलाजिमों पर केस दर्ज करवा के माने।
ऊपर विडिओ में ड्राइवर की इंटरव्यू लेते मीडिया कर्मी।

और नीचे FIR की कॉपी।


यह होती है सच की ताकत।

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