इंडियन पोस्टल सर्विस को बठिंडा के डीसी का ऑफिस क्यूँ नहीं मिला?
साथ ही, इम्प्रूव्मन्ट ट्रस्ट का चेयरमैन अपने ऑफिस में भ्रष्टाचार पर ध्यान क्यूँ नहीं देता?
यह जो सेवा/चमचागीरी करके किसी चीज का चेयरमैन बना देते हैं, बिना किसी टेस्ट या इलेक्शन के जीते, क्यूँ उसके बाद ऐसे लोग किसी एक ही पार्टी की सारी उम्र चमचागीरी (जिसको वो सेवा कहते हैं) करने की डिग्री बढ़ाने की ठान लेते हैं?
क्यूँ अपने सारे काम धंधे छोड़ देते हैं?