सिनेमा कर्मी का दुख

समझ नहीं आता कि हमारे माननीय गृहमंत्रालय को सभी भीड़ वाले जगहों को खोलने में कोई दिक्कत नहीं हुई और सबसे ज्यादा दिक्कत सिनेमहाल और अन्य मनोरंजन की सुविधाओं से कोराना फैलता क्यों नजर आराहा है अब तो हद्दी ही होगया क्यों की जो कारण अभी तक बताया गया जा रहा था कि #एयरकंडीशन हाल में बैठने पर वाइरस फैलता है अगर ऐसा होता है तो फिर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में जाकर देखिए की वहां भी ए सी चल रहा है वहां तो करोना नहीं हो रहा फिर ये कैसा कारण कि इसके वजह से आप हजारों लोगों को बेरोजगारी के तरफ धकेलने के लिए मजबूर करदे रहे है क्या जब कोई जान दे देगा इसके लिए तब टीवी पर समाचार वाले पैनल बैठा कर बहस करेंगे कि क्या नहीं खुलना चाहिए था सिनेमा ,जबकि सरकार के द्वारा दिए गए सारे गाइडलाइंस को ध्यान देते हुए सारे सिनेमा में महीनों से तैयारी चल रही है।लेकिन जब ये 28से 29 तारीख आता है तभी सरकार के तरफ से ये मायूसी भरी खबर आता है कि अभि सिनेमहाल अनिश्चित कालीन वैसे ही बंद रहेंगे ।आज मुझे नहीं रहा गया तो मैंने अपनी मन की व्यथा को आपके सामने रखा दिल हल्का कर लिया यदि जाने अनजाने में कुछ गलत लिखा हो तो क्षमा प्रार्थी हूं। :pray:
#unlockcinema
#allcinemas
#allmultiplex
#PVRCinemas
#inoxcinemas
#CarnivalCinemas
#supportus

2 Likes

यह बात सही है की दूसरों का दुख कोई नहीं जानता। लेकिन क्यूँकी मेरा सेंट्रल गवर्नमेंट की ईमानदारी पर भरोसा है, (स्टेट गवर्नमेंट की ईमानदारी पर नहीं), इसलिए मुझे लगता है की इसके पीछे कुछ न कुछ सालिड लॉजिक रहे होंगे।

उसमें से प्रमुख जो एक मैं सोच पाता हूँ वो यह है की सिनेमा हाल वो जगह हैं, जहाँ पर कोई एक इन्फेक्टिड बंदा जान भूझ एक पूरी भीड़ के लिए (सीट पर) किटाणु छोड़ सकता है।

लेकिन बाकी, फिर वोही बात, हरेक को दूसरे का दुख छोटा जान पड़ता है। मैंने केवल अपने कुछ आइडीअ रखे हैं।

1 Like

ऐसा नहीं है सर, सिनेमा के अंदर लोगो के लिए, डिस्पोजेबल सीट कवर और आर्म रेस्ट (जो हर शो के बाद बदल दिए जाएंगे) का पूरा इंतजाम है!

2 Likes

फिर तो सच में ही उनको इस (already डाइइंग) इंडस्ट्री का दर्द समझ में नहीं आ रहा।

वैसे भी इस इंडस्ट्री के साथ इतने अधिक बंदों की रोजी रोटी जुड़ी हुई है की शायद ही दूसरी किसी और इंडस्ट्री के साथ जुड़ी हुई हो।

Note: @Manish_Kumar1 ji, Pls put up your profile pic, for maximum effect and reading score.

#I-support
#unlockcinema

2 Likes

रोजी रोटी तो ठीक है पर लूटते भी तो बहुत थे। और इस कोरोना काल मे इन्होंने पब्लिक के लिए क्या कुछ किया है की नही। बिग सिनेमा, फन सिनेमा आदि बड़ी बड़ी कंपनी है। जो 300 ka popcorn बेचती थी क्या फ्री मे मास्क भी बाटा इन्होंने।
आज लोगो को जिंदगी बचाने मे ध्यान है ना की thiyter मे मूवी देखने मे। मेरी ये बात कंपनी के लिए है ना की वर्कर के लिए।

1 Like

Vijay ji, यह तो आपका बिल्कुल गलत लॉजिक है। आपकी बात का मतलब तो यह निकलता है की सरकार ने इसलिए इनको बंद किया है क्यूँकी इन्होंने कोई डोनैशन नहीं दी या यह अधिक प्रॉफ़िट में चल रहे थे।

वैसे तो दोनों पॉइंट ही गलत हैं। क्यूँकी यह कोई प्रॉफ़िट में नहीं थे, इसीलिए डोनैशन नहीं दिया कोविड के लिए।

लेकिन मान भी लीजिए की यह प्रॉफ़िट में थे, और फिर भी कोविड के लिए कोई डोनैशन नहीं दिया। तो क्या इसका मतलब हरेक बिजनस पर यही रूल अप्लाइ होंगे? जो भी अधिक प्रॉफ़िट में था, और जिसने भी कोवड़ के लिए कोई डोनैशन नहीं दिया, तो क्या उसको बंद कर दिया जाएगा?

वो मूवी दिखाने के लिए नहीं कह रहे गवर्नमेंट को। वो कह रहे हैं की लोगों को यह ऑप्शन दे दो की यदि वो मूवी देखना चाहें थिएटर में तो देख पाए। दोनों बातों में बहुत फरक है।

1 Like

@Manish_Kumar1 जी, कृपया BH site पर अपनी प्रोफाइल फोटो लगाएं।

सर जहां तक बात है, मास्क बाटने की, तो मास्क तो ठेके वालो ने भी नहीं बाटे, और ना ही जिम वालो ने, पर मै इनके खिलाफ नहीं हूं, वो भी तो खुल ही गए,

और पॉपकॉर्न की बात करे, तो आपसे कोई जबदस्ती नहीं होती कि आप पॉपकॉर्न खाए ही खाए।

2 Likes

ठेके के क्लाइंट और जिम के क्लाइंट फिक्स होते है ंउन्होंनेने अपनी बात सरकार तक पहुचा दिया। पर यहाँ वो बात नही है।

1 Like

मतलब सरकार चाहती है कि पहले सिनेमा कर्मी कोई धरना प्रदर्शन करें, फिर है हम उनकी बात सुने गए

1 Like

विजय जी आप अपनी बात बदल रहे हैं।
आपका मुख्य पॉइंट क्या है?
क्या आप कह रहे हैं की सिनेमा हाल ज्यादा प्रॉफ़िट में चल रहे थे? और उन्होंने कोविड में कुछ डोनैट भी नहीं किया?

या आप कह रहे हैं की ठेके के क्लाइंट फिक्स होते हैं, इसलिए सरकार को वो जबरदस्ती खोलने पड़ गए (यानि जिस चीज में सरकार मजबूर होगी, वोही खोलेगी?)

मैं साथ में यह विडिओ भी दिखाना चाहूँगा, जहाँ जितनी छूट दी है, उसके बाद भी ठेकों पर कोई सखताई नहीं।

1 Like

दोनों प्वाइंट है सर। सिनेमा अतिआवश्यक की सूची म भी नही आता है। और सिनेमा देखेबिना लोग रह सकते है। ऐसे बहुत सारे रीज़न है। सिनेमा नही खोलने के। ओपन थिएटार् तो खोल ही दिये है।

1 Like