क्रान्ति होल्ड पर
प्लान तो ये था कि एक तरफ पंजाब/हरियाणा के जत्थे सिंघु बॉर्डर घेरे पड़े रहेंगे…दूसरी तरफ CAA लागू होने की ख़बरें भी थीं तो शाहीन बाग़ choke करने की भी तैयारी थी..NH24 टिकैत समेत अन्य वेस्ट यूपी के नेताओं के सहारे घेरने का प्लान था..रेसलर जंतर मंतर आते, और कुछेक कोचिंग संस्थानों के छात्रों को बेरोजगारी के साथ जंतर मंतर पर भीड़ का फ्लेवर बढ़ाने का दायित्व सौंपा जाता…
इस सब chaos के अंदर एंट्री होती मुहब्बत के मसीहा की..जो न्याय यात्रा करके दिल्ली वापस लौट रहा होता…सब कुछ एक दम सही प्लान के साथ orchestrate हो रहा था कि कुछ घटनाक्रम आउट ऑफ़ सिलेबस आ गए और सारा प्लान गड़बड़ा गया..
सबसे पहले आउट ऑफ़ सिलेबस आया खट्टर ताऊ…जिसने एक पूरे अराजक गिरोह को शम्भू बॉर्डर से पंजाब से हरियाणा में घुसने नहीं दिया साथ ही हरियाणा के किसान नेताओं को विश्वास में लेके उनसे लगातार बातचीत करते रहे…जिसके चलते सिंघु बॉर्डर पर अतिक्रमण नहीं हो सका..
फिर आउट ऑफ़ सिलेबस आया चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न और जयंत की भावुकता..जिसके चलते वेस्ट यूपी से होने वाला मोबिलाइजेशन रुक गया और NH24 ब्लॉक करने की साज़िश कामयाब नहीं हो पायी..
फिर आउट ऑफ़ सिलेबस आये खालिस्तानी…जिन्होंने इस बार मुखर रूप से पूरी बेशर्मी से ये दिखा दिया कि ये आंदोलन का किसानी से कोई लेना देना नहीं है..तमाम ऐसे वीडियो आये जिसमें उनका पाकिस्तान प्रेम, मोदी से नफरत, हिन्दुओं से नफरत स्पष्ट दिख रही थी..उसके चलते किसान के नाम पर जो सिम्पथी ये बटोर लेते थे वो नहीं मिली..
और फिर आखिरी मामला तब बिगड़ा जब अभी तक CAA लागू करने वाला अनाउंसमेंट नहीं हुआ…जिसके चलते इनका पूरा कोर्डिनेशन बिगड़ गया…प्लान तो पूरी दिल्ली के एंट्री पॉइंट सीज़ करने का था..
इसी गफलत के चलते राहुल को यात्रा छोड़ के आनन फानन में विदेशी यूनिवर्सिटी से जल्दबाजी में एक न्योता दिलवाया गया…तथाकथित किसान नेताओं को अगली रणनीति के लिए 29 फरवरी तक सब स्थगित करना पड़ा..
अब बाहर से बैठ के प्लानिंग एडजस्ट की जायेगी…और नयी टूलकिट भारत में इंट्रोडूस की जायेगी..
तब तक सारी क्रान्ति होल्ड पे रहेगी..
ये जो caste caste चीख रहा है उसके नोट्स भी इसे बाहर से ही मिले हैं..north vs south नैरेटिव भी बाहर से ही govern होता है…इस बार देखते हैं ये और कितना जहर का रिचार्ज करा के आता है.