भारतीय अदालतों में रिकॉर्ड 5 करोड़ मामले पेंडिंग पड़ा है; #सुप्रीम_कोर्ट में 80,000 केस पेंडिंग है लेकिन कोई भी नेता सीधे सुप्रीम कोर्ट पहुँचता है और उसके केस कि त्वरित सुनवाई होती है; एक तो आम जनता सुप्रीम कोर्ट पहुँच ही नही पाती फिर भी अगर पहुँच भी जाए तो केस उसके लटके ही रहते हैं । खैर हम बात कर रहे थे छुट्टियों की, तो इन मियां लॉर्ड लोगो के कार्यशैली को देखते हुए पेंडिंग केसेस को निपटाने में करीब 300 साल लगेंगे !
फिर भी सुप्रीम कोर्ट के जज साहब लोग कल से दो महीने की ग्रीष्मकालीन छुटिया बिताएंगे l
हमारे देश के #डॉक्टर्स, #सैनिक गर्मी की छुट्टियां नही बिताते क्योंकि लोगो का जीवन बचाना और देश की सुरक्षा करना उनका कर्तव्य हैं । ठीक उसी पर न्याय देना भी इन मियां लॉर्ड लोगो का कर्तव्य हैं । A.C घर से निकलते हैं, फिर A.C गाड़ी में बैठते हैं, फिर अपने A.C वाले चैम्बर में जाते है उसके बाद A.C वाले कोर्ट में केस की सुनवाई करते हैं । उसके वावजूद भी इनको देश मे सबसे ज्यादा गर्मी लगती हैं । इस देश का #राष्ट्रपति (सर्वोच्च पद) कभी गर्मी की छुट्टी नही लेता, इस देश का #प्रधानमंत्री (चाहे किसी भी दल से हो) गर्मी की छुट्टी नही लेते लेकिन मियां लार्ड लोग करोड़ो पेंडिंग केस होने के वावजूद हर साल 2 महीने के लिए गर्मी की छुट्टी मनाने के लिए चले जाते हैं ।
स्कूल में भी छोटे बच्चों को भी 2 महीने की गर्मी की छुट्टी नही मिलती जबकि 99% स्कूल में बच्चों के लिए A.C वाली सुविधा नही हैं ।
देश की न्यायपालिका देश के लिए दिन प्रतिदिन गहरी समस्या बनती जा रही है लेकिन इसमें बैठे मियां लॉर्ड लोग स्वघोषित भगवान है, इसलिए इनकी कोई आलोचना नही कर सकता ! करेगा तो #कंटेम्प्ट_ऑफ_कोर्ट बता के उसे अंदर कर देंगे । ये लोग कहीं से भी लोकतांत्रिक प्रणाली का हिस्सा प्रतीत ही नही होते । देश के राष्ट्रपति को #अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कोई भी आलोचना कर देता है, देश मे जनता द्वारा चुने हुए प्रधानमंत्री (किसी भी दल का हो) को अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कोई भी आलोचना करता हैं , लेकिन मजाल है कि कॉलेजियम सिस्टम से मियां लॉर्ड बने इन लोगो की आलोचना कोई कर दे ।
भगवान जाने देश की न्यायपालिका में किस दिन सुधार होगा !
आशा की किरण बस एक ही दिखता हैं ! जो अन्य किसी भी केटेगरी के लिए उपयुक्त नहीं हों।