पिछले करीब 5 वर्षों से पवन चावला और उसके 2 साथी 1 मारुति omni वैन लेकर निकालते हैं और GT रोड, तीन coni, अमरीक सिंह रोड, रेल्वे रोड होकर रेल्वे स्टेशन के पीछे चाय बाँटते हुए पहुँच जाते हैं।
क्यूँकि ये रुक रुक कर जाते हैं इसलिए इनको करीब 2 hours लग जाते हैं इस काम में। यूँ भी इनको हाथ के इशारे से कोई भी जरूरत मंद रुकवा कर चाय और फैन ले सकता है। चाय disposable cups में बाँटते हैं ये लोग।
हाँ।
काम सिम्पल सा ही है।
चाय और चाय के साथ एक फ़ैन।
लेकिन सुबह सुबह गरीबों के पास 8-10 रूपीस भी नहीं होते जेब में पीने के लिए।
और अगर होते भी हैं तो वो पैसे वो संभाल कर रखना चाहते हैं किसी और काम के लिए।
इसलिए जो चाय हम जैसे लोगों के लिए कुछ भी नहीं है, और हम यह कह कर नकार देते हैं की नहीं यार, चाय तो तेजाब बनती है, या पहले ही बहुत पी ली।
वही चाय उनके लिए एक डिश है।