ज्यादातर लोग यह समझते हैं की लोगों के भले के नाम पर, भले के लिए, जब भी सरकार को हिलाना हो तो लोग एक ही तरीका अपनाने में विश्वास रखते हैं की दूसरे लोगों को परेशान करो।
इतना परेशान करो की सरकार परेशान हो जाये।
क्या यह जायज़ है? जब आप लोगों का फ़ायदा करने के लिए निकले हो तो लोगों को ही परेशान क्यूँ करते हैं? क्या पता सरकार जागे न जागे, पर जिन सड़कों, बसों, ट्रेनस आदि को आप जाम करते हो, उनमें कितने लोगों की ज़िंदगी ही बर्बाद हो जाती होगी?
अब फतेहवीर की मौत का बदला सरकार से लेने के नाम पर आज संगरूर, पटियाला साइड की सभी रोड्स जाम कर रखी हैं, ध्यान से जाना उस तरफ।