बठिंडा में पुलिस जब चाहे लॉटरी का काम बंद करवा देती है। जबकि कानून लॉटरी के काम की इजाजत देता है।
अगर इसको गैर कानूनी बनाना है, अगर यह गैर कानूनी है तो फिर बाकी सब जगह पर कैसे चल रहा है?
या कहीं बठिंडा के लिए अलग से सविधान तो नहीं बन गया है कोई?
तो क्या पुलिस कानून से भी ऊपर है? या पुलिस को कुछ और चाहिए?