दोस्तों, जब से जनवरी, 2010 से बठिंडा हेल्पर ग्रुप शुरू हुआ है, मेरा मकसद था की बठिंडा के लाइक-माइन्डिड लोगों को साथ में जोड़ना, जो की मुसीबत में सही का साथ देने के लिए तयार हों। (लेकिन ध्यान दें की मैं वो थ्योरी से सहमत नहीं की लॉजिक डिबेट में अपने अगर गलत हों तो भी उनको सही बताएं)।
इसके लिए व्हाट्सप्प ग्रुप बनाया।
लेकिन वो व्हाट्सप्प ग्रुप, हालांकि दूसरे व्हाट्सप्प ग्रुपस से तो बहुत अधिक सराहा जाता है। लेकिन मैं उससे संतुष्ट नहीं।
- वो एक केवल मोबाईल नंबर शेयर करने वाला ग्रुप बन कर रह गया है।
- और नंबर भी जब जिसको चाहिए, उसी वक्त दोबारा शेयर करना पड़ता है। मान लीजिए किसी अच्छे पेट के डॉक्टर, या किसी अच्छे प्लमर/हलवाई आदि का नंबर आज शेयर किया गया है। और कल ही किसी को उस नंबर की जरूरत पड़ गई। तो उसके लिए वो एक दिन पहले का msg उस वक्त ढूँढ पाना बहुत मुश्किल होता है। और वो नंबर ग्रुप में ही दोबारा फिर से पूछता है।
- मान लीजिए, ग्रुप में किसी एक पॉइंट पर बहस चलती हो, तो जो लोग उस बहस में इन्टरिस्टिड नहीं हैं, उन सबको उससे परेशानी होती है, और उनको वो msgs तुरुन्त ‘बकवास’ लगने, महसूस होने, शुरू हो जाते हैं।
- और सबसे बड़ी बात, उस ग्रुप में क्यूंकी ज़्यादातर मेम्बर्स एक दूसरे को जानते नहीं, इसलिए बहुत से मेम्बर सिर्फ इसलिए ग्रुप में शामिल रहते हैं की यदि खुद की हेल्प लेने की जरूरत पड़ गई तो वो पूछ लेंगे, वरना msgs को इग्नोर करते रहो। मैंने कई मेम्बर्स के व्हाट्सप्प को देखने का मोका मिलता रहता है, तो देखता हूँ की अक्सर उनकी हजार हजार नोटिफस पेंडिंग पड़ी होती हैं।
- यानी जो ग्रुप का असली मकसद था, मुसीबत के वक़्त एक दूसरे के काम आना, वो मकसद सिर्फ इस बात पर सिमट कर रह गया है की जरूरत के वक्त काम के कारीगर आदि का नंबर मिल जाए बस।
- हालांकि इसका महत्व भी कम नहीं है की हमें उस व्हाट्सप्प ग्रुप में तुरुन्त पता चल जाता है की आज बैंक खुले हैं या बंद।
लेकिन बाबजुद इस के, जो ग्रुप का असली मकसद था, वो कहीं गुम हो चुका है।
तो उसके लिए, हमने डिसाइड किया है की कुछ 40-50 मेम्बर्स ऐसे छाँटे जाएँ, जो उस ग्रुप में किसी भी मेम्बर को जरूरत पड़ने पर, सही उचित बात होने पर उसकी उसकी application पर साइन कर दें। और अगर हो सके तो पुलिस स्टेशन (या पँचायत) में भी पहुँचे।
इसके इलावा, अगर इन मेम्बर्स में से कोई भी अपने एरिया के किसी ऐसे मुद्दे पर कोई ऐप्लकैशन पर साइन करवाना चाहे, जो सही और उचित हो, तो सब मेम्बर्स को उस पर साइन करने होंगे।
शर्तें:-
- सबसे पहले तो इस ग्रुप में इंटर होने के लिए एक हजार रूपीस ‘refundable’ सिक्युरिटी होगी। क्यूंकी बिना कुछ खर्चे, फिर वही बात हो जाएगी। नॉन-सीरीअस मेम्बर जुड़ जाएंगे, जैसे की पहले बठिंडा हेल्पर व्हाट्सप्प ग्रुप में जुड़े हुए हैं, और जब उनको जरूरत पड़ा करेगी, वो सामने आ जाएंगे, और जब दूसरे को जरूरत पड़ेगी, वो छिप जाएंगे/ग्रुप छोड़ जाएंगे।
- यह एंट्री सिक्युरिटी फ़ीस, आने वाले टाइम अगर घटित है, तो जिन मेम्बर्स ने पहले दे दी है, उनको उसका फरक रिफन्ड कर दिया जाएगा। लेकिन अगर बढ़ती है, तो उनसे और पैसे लिए नहीं जाएंगे।
- इस ग्रुप में अगर आप आज ही, शुरू में ऐड होते हैं तो तुरुन्त ही ऐड हो जाएंगे। लेकिन बाद में, जब हमारी पहली मीटिंग हो गई, तब ऐड होने के 1-2 महीने तक आप ग्रुप से कोई बेनेफिट नहीं ले पाएंगे। और ग्रुप से निकलने के लिए भी आपको कम से कम 6 महीने लगेंगे। यानि अगर आपने आज निकलने की ऐप्लकैशन डाली, तो 6 महीने बाद आप एक्सईट हो पाएंगे। और अगर आपने कोई भी नियम तोड़े तो आपकी सिक्युरिटी रिफन्ड नहीं होगी।
- जो मेम्बर बठिंडा हेल्पर किटी के साथ जुड़े हुए हैं, उनको सिक्युरिटी देने की कोई जरूरत नहीं। हाँ जब किटी खत्म हो गई, या उनका इनाम निकलने की बजह से वो किटी से बाहर हो गए, तब उनको सिक्युरिटी देनी होगी। उस वक्त वो अपनी मेम्बर्शिप इमिडियटली खत्म नहीं कर सकते। जैसा की ऊपर बताया गया है, आपने अगर एक्सईट करना है तो आपके बताने के 6 महीने बाद ही एक्सईट हो पाएंगे। इसलिए एक बार सिक्युरिटी आपको देनी ही होगी, और 6 महीने के बाद, एक्सईट होने के वक़्त आपको वो वापिस मिल जाएगी।
- अगर तब, किटी छोड़ते वक्त, बाय चांस अगर ग्रुप एंट्री फ़ीस/सिक्युरिटी का रेट कम हुआ तो कम ही देना होगा। लेकिन यदि एंट्री फ़ीस बढ़ी हुई, तो बढ़ा हुआ रेट देने की जरूरत नहीं।
- सभी मामलों में lead करने की जिम्मेवारी बठिंडा हेल्पर ग्रुप ऐड्मिन की होगी।
कुछ अन्य बातें जो मेम्बर्स की पहली मीटिंग में डिसाइड कर लेंगे:
- हालांकि पहली एक मीटिंग तो पक्का रखेंगे। ताकि यह सिर्फ ‘एक और’ ऑनलाइन ग्रुप बन कर न रह जाए। लेकिन बाद में मीटिंग monthly रखें, या बाइ मन्थली, यह चीजें पहली मीटिंग में डिसाइड कर लेंगे।
- मीटिंग या अन्य कोई भी खर्च हुआ तो वो कान्ट्रब्यूशन से डला करेगा।
फाइनल बात।
इस ग्रुप से कोई बहुत बड़ी उम्मीदें रखने की जरूरत नहीं।
हाँ बस इतना है की अगर आपकी पड़ोस में लड़ाई हो गई। या कहीं और। और आप सही हैं, तो आपका साथ देने के लिए बाकी सब मेम्बर खड़े मिलेंगे। ऐसी हमारी गारंटी है।
अगर आपका कहीं झगड़ा हो जाता है। तो आपको समाज के कुछ बंदों की गवाही की जरूरत है। तो यह ग्रुप के मेम्बर (यदि आप सही हैं तो) आपकी ऐप्लकैशन पर साइन कर देंगे। ऐसी मेरी जिम्मेवारी होगी। लेकिन वो साइन करवाने के लिए मेम्बर को खुद जाना होगा, या फिर वो ऐप्लकैशन कहीं कॉमन जगह पर रख देंगे और वहीं पर सबको अपने अपने टाइम के मुताबिक साइन करने आना होगा, यह चीज हम पहली मीटिंग में डिसाइड कर लेंगे।
इस ढंग से, अगर आप कुछ सोशल मुद्दा डीसी के सामने उठाना चाहते हैं, तो आपके पास कम से कम 40-50 बंदों के मोबाईल नंबर के साथ सिग्नचर की हुई ऐप्लकैशन होगी।
और जरूरत पड़ने पर उनमें से कम से कम 50% बंदे हाज़िर भी हो जाएंगे।
लेकिन अगर आपको यह कभी जरूरत न पड़ी, तो समझो आपको दूसरों के लिए साइन करने पड़ सकते हैं, उनके लिए कभी जाना भी पड़ सकता है।
आपके 1000 रूपीस उतने टाइम के लिए ब्लॉक हो गए, जीतने टाइम के लिए आप मेम्बर रहेंगे।
और एंड में, कोई भी बठिंडा वासी न केवल हमारे साथ, उचित इन्ट्रोडक्शन (+ रेफ्रन्स) देकर जुड़ सकता है, बल्कि किसी भी पॉइंट पर, यहाँ नीचे अपने सुझाव भी दे सकता है (वन टाइम लॉगिन जरूरी है, लॉगिन के लिए यह पोस्ट का सहारा ले सकते हैं)। हमारा मकसद केवल बठिंडा को बढ़िया बनाना है। किसी भी पॉइंट पर बेहिचक बोलें। अगर उन्हे किसी भी बात पर लगता है की कोई चीज गलत है, तो उसको डिस्कस करने के लिए हम तयार हैं।
बॉबी जोफ़न
94 7878 4000